दीनबंधु मित्रा द्वारा नील दर्पण (द इंडिगो मिरर)।
[नील दर्पण, जिसे अक्सर इंडिगो मिरर के रूप में अनुवादित किया जाता है] दीनबंधु मित्रा द्वारा 1858-1859 में लिखा गया एक बंगाली नाटक है। 1860 में प्रकाशित, यह नाटक बंगाल में ब्रिटिश नील बागान मालिकों और भारतीय नील किसानों (रैयतों) के उनके क्रूर शोषण का तीखा अभियोग है। नील दर्पण को बंगाली नाटक में एक ऐतिहासिक कृति माना जाता है और